दाना देवी फाउंडेशन

"गो का दाना-गो तक जाना"

जय गो माता
|| ॐ करणी ||
जय गुरुदाता

दाना देवी फाउंडेशन मुख्य उद्देश्य

दानादेवी फाउंडेशन के मुख्य उद्देश्य 
1.निष्काम भाव से शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से  अभावग्रस्त  क्षेत्रों में विशेष आवश्यकता होने पर गो चिकित्सालय में  गोमाता हेतु  निशुल्क पोषक तत्व उपलब्ध करवाना। 
2. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष आवश्यकता होने पर चिकित्सालय में  गोमाता हेतु  नि:शुल्क पोष्टिक आहार उपलब्ध करवाना।
3. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष आवश्यकता होने पर चिकित्सालय में  गोमाता हेतु  निःशुल्क घास ,चारा,पराली,कड़बी,भूसा,तूड़ा उपलब्ध करवाना। 
4. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से गोचर भूमि विकास के कार्य करना।
5. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से चारा उत्पादन वाले स्थानों के आस पास चारा संग्रह केंद्र विकसित करना। 

दानादेवी फाउंडेशन के अन्य सहायक उद्देश्यः-
1. धेनु धाम फाउंडेशन के माध्यम से संचालित ३१ वर्षीय गो पर्यावरण और  अध्यात्म चेतना पदयात्रा द्वारा देश भर में हो रहे गो महिमा प्रचार कार्यो में सहयोग करवाना।
2.  दवा देवी फाउंडेशन  के माध्यम से अभाव ग्रस्त गो चिकित्सालय में निशुल्क दवा वितरण करवाना और गो चिकित्सालय हेतु  गौ एंबुलेस उपलब्ध करवाने के लिए श्रीमंत संस्थाओं  को प्रेरित करना। एम्बुलेंस हेतु विधायक और सांसद निधि का उपयोग करने के लिए विधायक ,सांसद को प्रेरित करना।
3. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभाव ग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर दातादेवी फाउंडेशन माध्यम से   विभिन्न स्थानों पर जहाँ चारा उत्पादन  होता है या  जहाँ से वितरण  होना है वहाँ वृहदाकार घास गोदाम  का   निर्माण करवाना और चारा परोसने के लिये खेल,गामान (नाँद)का निर्माण करवाना।
4. दृष्टि देवी फाउंडेशन और समाज के सहयोग से गो-सेवा हित जन जागरण हेतु धार्मिक, चिकित्सीय साहित्य प्रकाशन  और वितरण में सहयोग करना। घास चारा पोष्टिक आहार चोरी रोकने के लिए गो चिकित्सालय में केमरे लगवाना।
5. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष आवश्यकता होने पर  धेनु दर्शन फाउंडेशन के अनुमोदन पर गो संवर्धन केंद्र को  पोष्टिक गो आहार उपलब्ध करवाना। 
6. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग  से अभाव ग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर  धेन धारा फाउंडेशन के  सहयोग से  गो चिकित्सालय में जल प्रबंधन से जुड़े कार्य करवाना।
7.  ग्वाल शक्ति सेना (G.S.S) के माध्यम से गो चिकित्सालय के लिए शासन और समाज द्वारा भूमि आवंटन अथवा भूमि दान में आ रही समस्याओं का निराकरण करवाना।
8.  धेनु देवी फाउंडेशन के माध्यम से गौ चिकित्सालय में उचित वेतन पर श्रद्धावान चिकित्सक एंव बीमार गौमाता की सेवा के लिए उचित वेतन पर प्रशिक्षित श्रद्धावान ग्वाल की व्यवस्था करवाना गोआधारित शैक्षिक कार्यों  के संचालन  एंव परंपरागत गो चिकित्सा पद्धति विकसित करने मे सहयोग करना 
9 . धेनु धरती फाउंडेशन के बेल और पंचगव्य आधारित ऋषि कृषि के कार्यों को कथा के माध्यम से प्रचारित करना 
10. धेनु धन फाउंडेशन द्वारा संचालित  ऋषिकृषि और पंचगव्य उत्पाद  वितरण और विनियोग हेतु गो चीकित्सालयों में विक्रय केंद्र स्थापित करवाना

दाना देवी फाउंडेशन

प्राचीन काल से ही भारत में गोधन को मुख्य धन मानते आए हैं और हर प्रकार से गौरक्षा, गौसेवा एवं गौपालन पर ज़ोर दिया जाता रहा है। हमारे हिन्दू शास्त्रों, वेदों में गौरक्षा, गौ महिमा, गौ पालन आदि के प्रसंग भी अधिकाधिक मिलते हैं। रामायण, महाभारत, भगवद्गीता में भी गाय का किसी न किसी रूप में उल्लेख मिलता है। गाय, भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है। 
तो ऐसी भगवान कृष्ण की प्यारी गौ माता की सेवा करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है । जीवन में आनंद आता है,और ऐसे भगवती गौ माता को भाव से घास जिमानी चाहिए।

[अग्नि पुराण, २६४-२७]
सौरभेयः सर्वहिताः पवित्राः पापनाशनाः ।
प्रतिग्रहणन्तु में ग्रासम् गावस्त्रैलोक्य मातरः ॥
अर्थ :- (भगवान अग्निदेव, वशिष्ठ जी महाराज जी को कथा सुना रहे हैं) 
हे त्रैलोक्य की माता ! हे सुरभि की पुत्री ! पापों का विनाश कर सबको पवित्र करने वाली, सबका हित (कल्याण) करने वाली, गौमाता मेरे द्वारा दिये जाने वाले ग्रास को ग्रहण करें।
[महाभारत]

2. भुक्त्वा तृणानि शुष्कानि पीत्वा तोयं जलाशयात् ।
दुग्धं ददति लोकेभ्यो गावो विश्वस्य मातरः॥
– (महाभारत की कथा वैशम्पायन जी, परीक्षित के पुत्र जनमेञ्जय को सुना रहे हैं) गौ माता सूखी घास खाती है, जलाशय का सामान्य जल पीती है और हमें अमृतमय दूध देती है। गाय माता सारे विश्व की माता है। 

जो गौओं की सेवा करता है और सब प्रकार से उनका अनुगमन करता है, उस पर संतुष्ट होकर गौ माता उसे अत्यन्त दुर्लभ वर प्रदान करती हैं। जो मनुष्य जितेन्द्रिय और प्रसन्नचित्त होकर नित्य गौओं की सेवा करता है, वह समृद्धि का भागी होता है। गायों की सेवा से मनुष्य निर्मल और दुःख तथा शोकरहित श्रेष्ठ लोकों को प्राप्त करता है।
जो कोई भक्त जन भक्ति भाव से गौ माता को चारा जिमायेगा, उसके सारे पापों का विनाश हो जाएगा, और वह गौ माता की सेवा से पवित्र होकर भगवान का परम पावन सानिध्य प्राप्त कर जाता हैं।
गो सेवा के प्रभाव से उसके जीवन में सरलता निर्मलता आ जाएगी क्योंकि गौ माता की सेवा से सरलता और निर्मलता आती है।
इस पूरी सृष्टि में गौ माता से सरल और निर्मल कोई भी नहीं है ।
गौ माता लोंगो द्वारा फेंका गया गंदा कचरा पाती है ,नालियों व गड्डों में जो गंदा पानी भरा रहता है उस गंदे पानी को पीती है ,फिर भी सबको अमृतमय दूध प्रदान करती है । ऐसी भगवती गौ माता की सेवा करने से मानव उत्तम लोक को प्राप्त करता है
स्वस्थ गो माता की सेवा तो करें ही परन्तु
महापुरुषों की वाणी के अनुसार , बीमार गौ माता की सेवा ऋषि मुनियों की सेवा के समतुल्य है।
तो वेद भगवान के आदेश की पालना करते हुए  गो  से ही समस्त जगत  का सभी प्रकार से कल्याण  संभव हैं इस भाव को ध्यान में रखकर समस्त विश्व को गौ सेवा के लिए प्रेरित करने के लिए दाना देवी फाउंडेशन  नामक गो  सेवी संस्था का निर्माण किया गया है ताकि अधिक से अधिक  धर्मपरायण लोग गौ सेवा का लाभ ले सके।

हमारी प्रमुख सेवाएं

गोचर भूमि विकास के कार्य करना

गोमाता हेतु निःशुल्क घास, चारा, पराली, कड़बी, भूसा, तूड़ा उपलब्ध करवाना

गोमाता हेतु नि:शुल्क पोष्टिक आहार उपलब्ध करवाना

गोमाता हेतु नि:शुल्क पोषक तत्व उपलब्ध करवाना

जो गौंओं को भोजन के लिये प्रतिदिन जल और तृण सहित कुछ भोजन प्रदान करता है, उसे अश्वमेधके समान फल की प्राप्ति होती है।